स्वदेशी आंदोलन का प्रसार तथा नेतृत्व
स्वदेशी आंदोलन का प्रसार तथा नेतृत्व स्वदेशी आंदोलन का महत्व ; इस आंदोलन में अनेक प्रवृत्तियाँ और शक्तियाँ विद्यमान थीं जिन्होंने बीज रूप में ही सही पर 1947 ई. तथा […]
स्वदेशी आंदोलन का प्रसार तथा नेतृत्व स्वदेशी आंदोलन का महत्व ; इस आंदोलन में अनेक प्रवृत्तियाँ और शक्तियाँ विद्यमान थीं जिन्होंने बीज रूप में ही सही पर 1947 ई. तथा […]
विदेशों में क्रांतिकारी आंदोलन राष्ट्रवादी क्रांतिकारियों ने ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, अफगानिस्तान, जर्मनी, पेरिस आदि देशों में अन्य क्रांतिकारियों से संपर्क स्थापित करने, भारत की स्वतंत्रता के विषय में वैध
क्रांतिकारी आतंकवाद का प्रथम चरण: 1905-1915 1905.1907द्ध क्रांतिकारी आतंकवाद का उदय 19वीं शताब्दी के अंत में और 20वीं शताब्दी के आरंभ में हुआ। यह उग्रवादी राष्ट्रवाद का ही अगला चरण
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का द्वितीय चरणः 1905-13 राष्ट्रीय आंदोलन में उग्रवाद का उद्भव- कांग्रेस की स्थापना के कुछ वर्षों बाद ही उदारवादियों की नीतियों की आलोचना आरंभ हो गई थी।
कांग्रेस की स्थापना के वास्तविक उद्देश्य देश के हितों की रक्षा करने वाले भारतीयों के बीच मित्रता और संपर्क बढ़ाना। जातिगत, धर्मगत तथा प्रतीय विभेदों को मिटाकर राष्ट्रीय एकता की
कांग्रेस की स्थापना के वास्तविक उद्देश्य तथा भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का प्रथम चरण Read More »
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना ’ कांग्रेस’ शब्द की उत्पत्ति उत्तरी अमेरिका के राजनीतिक इतिहास कीदेन है, जिसका अर्थ है, ’व्यक्तियां का समूह’। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना का श्रेय
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना से पूर्व महत्वपूर्ण राजनीतिक संगठन दिसम्बर 1885 मे भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना अचानक घटी कोई घटना नहीं थी, बल्कि यह राजनीतिक जागृति की चरम
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना से पूर्व महत्वपूर्ण राजनीतिक संगठन Read More »