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UPSSSC Mukhya Sevika Syllabus & Exam Pattern 2022

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, लखनऊ, मुख्य सेविका मुख्य परीक्षा के अंतर्गत बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार उ0प्र0, लखनऊ के
नियंत्रणाधीन मुख्य सेविका के 2693 पदों पर चयन हेतु आयोग के द्वारा Examination Pattern और Syllabus जारी कर दिया है, इसमें केवल महिला अभ्यर्थी ही भाग ले सकती है, मुख्य सेविका का पाठ्यक्रम और syllabus निम्न है.

UP Head Servant Syllabus & Exam Details
विभाग का नाम बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, उत्तर प्रदेश
 भर्ती आयोग का नाम उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग
परीक्षा का नाम यूपी मुख्य सेविका मुख्य परीक्षा – 2022
विज्ञापन संख्या 05 परीक्षा / 2022
रिक्तियों की संख्या 2693
परीक्षा का समय 2 घंटा
परीक्षा तिथि
परीक्षा का मोड ऑफलाइन
ऑफिशियल वेबसाइट www.upsssc.gov.in

UPSSSC Mukhya Sevika Exam Pattern 2022

विषयप्रश्नों की संख्याकुल अंककुल समय
विषयगत ज्ञान1001002 घंटा
  • परीक्षा का माध्यम वस्तुनिष्ठ होगा।
  • परीक्षा दो भाषाओं (अंग्रेजी और हिंदी) में होगी
  • परीक्षा प्रश्न पत्र में 100 प्रश्न होंगे।
  • कुल पूर्णांक 100 अंकों का होगा एवं प्रत्येक प्रश्न 1 अंकों का होगा।
  • परीक्षा अवधि 2 घंटा  की होगी।
  • परीक्षा में प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.25 का नकारात्मक अंकन  होगा।
  • UPSSSC मुख्य सेविका भर्ती में कोई साक्षात्कार नहीं होगा।

UP Mukhya Sevika Syllabus

  1. मुख्य सेविका की भूमिका एवं जिम्मेदारियां।
  2. विवाह, परिवार, जाति लिंग की असमानता, धर्म और भाषाएँ।
  3. सामाजिक समस्याएं तथा विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं से सम्बंधित मुद्दे।
  4. जनसंख्या विस्फोट, जनसंख्या वृद्धि एवं नियंत्रण।
  5. गरीबी, दहेज़, घरेलु हिंसा, तलाक, अंतर और अंतर-पीढ़ी संघर्ष, जातिवाद।
  6. सामाजिक परिवर्तन तथा सामाजिक नियंत्रण।
  7. ऊर्जा, बेसल उपापचय।
  8. संतुलित आहार तथा भोजन का कैलोरी मान और वजन प्रबंधन।
  9. भोजन के आवश्यक घटक (प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, खनिज, पानी) : उनके स्रोत, कार्य, आवश्यकताएँ, कमी से होने वाले रोग।
  10. गर्भ धारण और गर्भावस्था की जटिलताओं के संकेत, प्रसव, गर्भ धारण के दौरान पुष्टाहार की आवश्यकता, जन्म के चरण, प्रसव के प्रकार, महिला स्वास्थ्य एवं गर्भपात।
  11. वृद्धि एवं विकास : शारीरिक विकास, मोटर विकास, भावनात्मक विकास, भाषा विकास, सामाजिक विकास, संज्ञानात्मक विकास।
  12. नवजात की देखभाल, स्तनपान के तरीके, कुपोषण एवं पूरक पोषण।
  13. जीवन चक्र के दौरान पोषण : शैशावस्था, बचपन, किशोरावस्था, भारत में शिशु मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर।
  14. खाना पकने के दौरान पोषक तत्वों का संरक्षण, खाद्य पदार्थों के अंकुरण, किण्डवन, खाद्य तालमेल के पोषण मूल्य को बढ़ाने के पारम्परिक तरीके।
  15. बल विकास के चरण और विकास को प्रभावित करने वाले कारक।
  16. प्रतिरक्षा : प्रतिरक्षण के प्रकार और अनुसूची
  17. रोग : बुखार, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, पोलियो माइलाइटिस , खसरा, तपेदिक, चिकिन पॉक्स, हेपेटाइटिस, मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड, दस्त, कृमि संक्रमण, एनीमिया, कारण, लक्षण तथा इलाज।
  18. परामर्श : इसका अर्थ, आवश्यकता एवं तकनीकी, प्रभावी संचार और इसके कौशल।
  19. स्वास्थ्य एजेन्सियां : WHO, UNICEF, UNFPA, UNDPA, रेडक्रॉस, इंडियन कॉउन्सिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर, फॅमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया, आदि।
  20. सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम : जन्म से पूर्व, जन्म के पश्चात टीकाकरण।
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