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खाद के नए भाव : जानिए किसानों को किस रेट में मिलेगी यूरिया, DAP और NPK

खाद के नए भाव IFFCO may 2022 | कच्चे माल में हुई बढ़ोतरी के बाद भी नहीं बढ़े खाद के दाम | जानिए किसानों को किस रेट में मिलेगी यूरिया, DAP और NPK

केंद्र सरकार ने इस बार खरीफ सीजन 2022 के पहले ही भारत के किसानों को बहुत बड़ी राहत दे दी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद और उर्वरक के कच्चे माल में हुई बढ़ोतरी के बाद भी केंद्र सरकार की और इस खरीफ सीजन में उर्वरकों की कीमतों में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की है। पिछले साल के अनुसार इस साल भी यूरिया, DAP और NPK के दाम समान ही रहेंगे।

भारत सरकार की खाद कंपनी IFFCO ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रसायनिक खाद (Chemical Fertilizer) व उर्वरकों के दाम में आई वृद्धि के बाद भी देश में खाद की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस बार NPK आधारित खाद के दामों को स्थिर रखने के लिए कंपनियों को सब्सिडी देने का फैसला किया था। यही कारण है कि इस बार खाद उर्वरकों के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। केंद्र सरकार ने इस खरीफ सीजन (Kharif Season) के लिए 60939 करोड़ रुपए की सब्सिडी जारी की थी। जो कि इस वर्ष 2022  खरीफ सीजन में लागू की गई है।

यूरिया, DAP और NPK जानिए क्या है के नए भाव

भारतीय कंपनी इफको ने खरीफ सीजन 2022 के लिए खाद और उर्वरकों की कीमत जारी की है। किसानों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि यह कीमत खाद की बोरियों पर स्पष्ट रूप से लिखी हुई है। किसान इन कीमतों पर इस साल अलग-अलग खाद खरीद पाएंगे।

  • यूरिया – 266.50 रुपये प्रति बैग (45 किलो)
  • DAP – 1,350 रुपये प्रति बैग (50 किलो)
  • NPK – 1,470 रुपये प्रति बैग (50 किलो)
  • MOP – 1,700 रुपये प्रति बैग (50 किलो)

यूरिया, DAP और NPK खाद के नए भाव बिना सब्सिडी के क्या होंगे

रूस और यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण खाद/उर्वरक के निर्माण में काम आने वाले कच्चे माल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। जिसके कारण कई देशों में खाद/उर्वरक के दाम आसमान छू रहे हैं। देश में भी खाद की कीमतों को बढ़ाने का दबाव था। लेकिन सरकार ने इन पर सब्सिडी बढ़ाकर किसानों को एक बड़ी राहत दी है।

  • यूरिया- 2,450 रुपये प्रति बैग (45 किलो)
  • DAP – 4,073 रुपये प्रति बैग (50 किलो)
  • NPK – 3,291 रुपये प्रति बैग (50 किलो)
  • MOP – 2,654 रुपये प्रति बैग (50 किलो)

देश में कितनी खाद की आवश्यकता होती है

खरीफ और रबी सीजन में विभिन्न प्रकार की फसलों के लिए कई प्रकार की खाद और उर्वरक का उपयोग किसानों द्वारा किया जाता है। देश के किसान खेती में सबसे अधिक रासायनिक खादों में यूरिया का उपयोग करते हैं। साल 2020 21 के अनुसार देश में यूरिया की 350.51 लाख टन, एनपीके 125.82 लाख टन, एमओपी 34.32 लाख टन और डीएपी 119.18 लाख टन की आवश्यकता थी। बावजूद इसके कम संख्या में खाद का आयात किया गया।

देश में कितनी खाद आयात होती है

हमारे देश में रहने वाले अधिकांश किसान कृषि पर ही निर्भर हैं। यही कारण है कि उनकी आजीविका का साधन एकमात्र कृषि ही है। खेती के लिए उर्वरक की आवश्यकता भी अधिक रहती है। देश में खाद का उत्पादन बहुत कम किया जाता है। इसके कारण सभी प्रकार के उर्वरक आयात करना पड़ रहा है।जिनको को हमारे द्वारा आयात किया जा रहा है उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमत बहुत अधिक है। भारत में साल 2020-21 के तहत विभिन्न प्रकार के उर्वरक आयात किया गया था।

  • यूरिया – 98.28 लाख टन
  • DAP – 48.82 लाख टन
  • NPK – 13.90 लाख टन
  • MOP – 42.27 लाख टन

किसान DAP की जगह फसलों में करें इन खादों का प्रयोग, होगी पैदावार में बढ़ोत्तरी

बीते कुछ समय से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में DAP (डी.ए.पी.) की कीमत तेजी से बढ़ने और भारत में इसकी आपूर्ति काफी हद तक अन्य देशों के आयात पर निर्भर होने की वजह से डी.ए.पी. की कमी बनी हुई है।

कई किसानों को समय पर उनकी आवश्यकता के अनुसार DAP खाद उपलब्ध नहीं हो पाती है और किसानों की फसलों को नुकसान होता है।

इस स्थिति को देखते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय रायपुर द्वारा खरीफ और रबी वर्ष 2022-23 में वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग कर डीएपी की कमी को दूर करने किसानों को नसीहत दी गई है।

कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के निर्देशानुसार खरीफ की फसलों के लिए डी.ए.पी.के स्थान पर विकल्प के रूप में अन्य उर्वरकों का फसलवार उपयोग करने की सिफारिश की गई है।

जिसके अनुसार किसान खरीफ की फसलों के लिए अनुशंसित पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए डी.ए.पी. के स्थान पर उन्य उर्वरकों का उपयोग किया जा सकता है। फसलवार उर्वरक अनुशंसा के आधार पर निम्न विकल्प हो सकते हैं।

धान एवं मक्का में DAP की जगह करें इन खादों का प्रयोग

किसान धान और मक्का फसल के लिए अनुशंसित पोषक तत्व एन.पी.के. 40:24:16 (नाईट्रोजन 40, फास्फोरस 24, पोटाश 16) कि.ग्रा. प्रति एकड़ मात्रा आपूर्ति के लिए यूरिया एक बोरी (50 कि.ग्रा.), एन.पी.के. (20:20:0:13) दो बोरी (100 कि.ग्रा.) और पोटाश (27 कि.ग्रा.) अथवा यूरिया (65 कि.ग्रा.), एन.पी.के. (12:32:16) दो बोरी (100 कि.ग्रा.), सिंगल सुपर फास्फेट (50 कि.ग्रा.) अथवा यूरिया दो बोरी (100 कि.ग्रा.), सिंगल सुपर फास्फेट तीन बोरी (150 कि.ग्रा.), पोटाश 27 कि.ग्रा. का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट कम से कम एक क्विंटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग में लाया जा सकता है।

दलहनी फसलों में डीएपी की जगह करें इन खादों का उपयोग

किसान खरीफ दलहनी फसलों के लिए अनुशंसित पोषक तत्व एन.पी.के. 8:20:8 (नाइट्रोजन 8, फास्फोरस 20, पोटाश 8) कि.ग्रा. प्रति एकड़ मात्रा की आपूर्ति के लिए यूरिया 18 कि.ग्रा., पोटाश 14 कि.ग्रा., सिंगल सुपर फास्फेट ढाई बोरी (125 कि. ग्रा.) अथवा यूरिया पांच कि.ग्रा., एन.पी.के. (12:32:16) एक बोरी (50 कि.ग्रा.), पोटाश 14 कि.ग्रा. सिंगल सुपर फास्फेट 25 कि.ग्रा. के साथ ही वर्मी कंपोस्ट कम से कम एक क्विंटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग किया जा सकता है।

तिलहनी फसलों में डीएपी की जगह करें इन खादों का उपयोग

खरीफ तिलहनी फसलों के लिए अनुशंसित पोषक तत्व एन.पी. के. (8:20:8) (नाइट्रोजन 8, फास्फोरस 20, पोटाश 8 कि.ग्रा. (सोयाबीन एवं मूंगफली) प्रति एकड़ आपूर्ति के लिए यूरिया (17 कि.ग्रा.) पोटाश (13 कि.ग्रा.), सिंगल सुपर फास्फेट (125 कि.ग्रा.) के साथ वर्मी कम्पोस्ट कम से कम एक क्विंटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग कर सकते हैं। 

रामतील में डीएपी की जगह करें इन खादों का उपयोग

किसान रामतील अनुशंसित पोषक तत्वों की मात्रा (12:12:8) कि.ग्रा. नत्रजन, स्फूर एवं पोटाश प्रति एकड़। इन पोषक तत्व की पूर्ति के लिए यूरिया 26 कि.ग्रा. सिंगल सुपर फास्फेट 25 कि.ग्रा. एवं म्यूरेट ऑफ पोटाश 13 कि.ग्रा. का प्रयोग किया जा सकता है। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट एक क्विंटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग कर सकते हैं।

गन्ना की फसल में करें इन खादों का प्रयोग 

किसान गन्ने की फसल के लिए अनुशंसित पोषक तत्व एन.पी.के. 120:32:24 (नाइट्रोजन 120, फास्फोरस 32, पोटाश 24) कि.ग्रा. प्रति एकड़ मात्रा आपूर्ति के लिए यूरिया पांच बोरी 5 बोरी (250 कि.ग्रा.) एन.पी.के. (12:32:16) दो बोरी (100 कि.ग्रा.) एवं पोटाश (14 कि.ग्रा.) अथवा यूरिया (260 कि.ग्रा.) सिंगल सुपर फास्फेट चार बोरी (200 कि.ग्रा.), पोटाश 40 कि.ग्रा. अथवा यूरिया (200 कि.ग्रा.) एन.पी.के. (20:20:0:13) 03 बोरी (150 कि.ग्रा.) एवं पोटाश-40 कि.ग्रा. का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट कम से कम एक क्विंटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग करने की सलाह किसानों को कृषि विभाग द्वारा दी गई है।  

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