आम के फल वृक्षों पर लगने वाले कीट
आम का फुदका (Mango hopper) -: यह आम का प्रमुख कीट है इसके निम्फ एवं प्रोढ़ पुष्पक्रम एवं पत्तियों का रस चूसते हैं
नियंत्रण-: डाइमिथोएट (रोगोर) दवा का 0.2%छिड़काव फुदका का का प्रभावी कंट्रोल है
मिली बग (डा्सीका मेन्गीफेरा)-: यह भी आम का प्रमुख कीट है इसके निम्फ और प्रोढ़ कोशिका का रस चूसते हैं।
नियंत्रण-: निम्फ जमीन से पेड़ पर नहीं चढ़े इसलिए तने पर 30 सेंटीमीटर ऊंचाई पर ग्रीस या एल्काथीन की पट्टी बांधते हैं तथा कार्बोरिल का@0.25% सरकार प्रभावी उपाय है
आम की फल मक्खी (बेक्टोसेरा डोरसेलीस)-:
इसके आक्रमण से आम का फल अंदर से सड़कर बदबूदार अर्ध्दतरल पदार्थ बन जाता है।
स्कीम के कारण आम के फलों के निर्यात में बाधा आती है अब तक निर्यात किए जाने वाले फल को गर्म वाष्प से उपचारित (vapour heat treatment)किया जाता है
तना छेदक (बेक्टोसेरा रूफोमेकुलेटा)-:
तनी में लार्वी छेद करती हैं जिससे कंट्रोल हेतु केरोसिन तेल का फुआ छेद में लगाते हैं
एवं तनी में मोनोक्रोटाफांस कीटनाशक का इंजेक्शन भी प्रभावी नियंत्रण करता है।
FAQ-:
आम के पेड़ में कीड़ा लग जाए तो क्या करें?
क दवा क्लोरोपाइरीफास को रुई में भिगोकर कीट के द्वारा बनाए छेद में डाल दें। इसके साथ ही तालाब की गीली मिट्टी को ऊपर से लगा दें। इसके साथ ही इस घोल को पेड़ के जड़ में भी डालें। इससे मिट्टी जहरीली हो जाएगी और मिट्टी से चलकर भी यह कीड़ा पेड़ में प्रवेश नहीं कर पाएगा
आम के पेड़ में कौन सी दवा डालें?
अलवर| इन दिनों आम के पेड़ों में फूल आना और फल बनना शुरू हो जाते हैं। छोटे फलों को गिरने से रोकने के लिए 2, 4डी नामक दवा 2 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। यह छिड़काव तब करना चाहिए, जब फल मटर के दाने के बराबर हो जाएं।
कौन सा पेड़ अंदर से खोखला होता है?
उदाहरण के लिए, यूकेलिप्टस सभी उम्र में खोखले विकसित होते हैं, लेकिन केवल जब पेड़ 120 वर्ष के होते हैं , तो वे कशेरुक के लिए उपयुक्त खोखले बनाते हैं , और बड़ी प्रजातियों के लिए उपयुक्त खोखले के लिए 220 साल लग सकते हैं।
आम का पेड़ सूखने लगे तो क्या करें?
लगातार एनपीके उर्वरक डालते रहने व सूक्ष्म पोषक तत्वों की अनदेखी से पेड़ सूखने की कगार पर पहुंच जाता है। ऐसे करें रोकथाम : उद्यान निरीक्षक आरके वर्मा ने बताया कि आम तना बेधक कीट वर्ष में सिर्फ दो माह मई व जून के महीने में बाहर रहता है। इस समय नियंत्रण के लिए क्यूनालफॉस व साइपरमेथलीन दवा का स्प्रे करें