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धान में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें,खरपतवार नाशक दवा का प्रयोग

धान में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें

इसकी पूरी जानकारी यहाँ मिलेगा। धान की फसल में कौन सी खरपतवार नाशक दवा का इस्तेमाल करें इसकी जानकारी भी यहाँ बताया जायेगा। धान की खेती में रोग एवं कीट के अलावा खरपतवार भी बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते है। ये धान की पैदावार पर भी असर डालती है। अगर खरपतवार को समय पर नियंत्रण नहीं किया तब धान की ग्रोथ को प्रभावित करता है। इसके साथ ही खरपतवार की वजह से विभिन्न कीट भी आकर्षित होते है जो धान की फसल के लिए नुकसान दायक है।

धान में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें,खरपतवार नाशक दवा का प्रयोग 1
धान में खरपतवार नियंत्रण

हमारे किसान भी खरपतवार नियंत्रण के लिए अलग अलग तरह के प्रयास करते है। यहाँ हम आपको प्रमुख खरपतवार का नाम बताएँगे। इसके बाद इन्हे खरपतवार नाशक दवा से नियंत्रण कैसे करना है इसके बारे में भी विस्तार से जानकारी देंगे। आपसे निवेदन है कि इस जानकारी को ध्यान से पढ़ें।

धान की फसल में प्रमुख खरपतवार

  • होरा घास
  • बुलरस
  • छतरीदार मोथा
  • गन्ध वाला मोथा
  • पानी की बरसीम
  • सांवा
  • सांवकी
  • बूटी
  • मकरा
  • कांजी
  • बिलुआ कंजा
  • मिर्च बूटी
  • फूल बूटी
  • पान पत्ती
  • बोन झलोकिया
  • बमभोली
  • घारिला
  • दादमारी
  • साथिया
  • कुसल

धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें ?

01. शस्य क्रियाओं द्वारा

शस्य क्रियाओं द्वारा खरपतवार नियंत्रण हेतु गर्मी में मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई, फसल चक्र अपनाना, हरी खाद का प्रयोग, पडलिंग आदि करना चाहिए।

02. यॉत्रिक विधि

इसके अन्तर्गत खुरपी आदि से निराई-गुडाई कर भी खरपतवार नियंत्रित किया जा सकता है।

03. रासायनिक विधि

इसके अन्तर्गत विभिन्न खरपतवारनाशी रसायनों को फसल की बुवाई/रोपाई के पश्चात संस्तुत मात्रा में प्रयोग किया जाता है, जो तुलनात्मक दृष्टि से अल्पव्ययी होने के कारण अधिक लाभकारी व ग्राह्य है।

1. नर्सरी में खरपतवार नियंत्रण हेतु प्रेटिलाक्लोर 30.7 प्रतिशत ई०सी० 500 मिली० प्रति एकड़ की दर से 5-7 किग्रा० बालू में मिला कर पर्याप्त नमी की स्थिति में नर्सरी डालने के 2-3 दिन के अन्दर प्रयोग करना चाहिए।

2. सीधी बुवाई की स्थिति में प्रेटिलाक्लोर 30.7 प्रतिशत ई०सी० 1.25 लीटर बुवाई के 2-3 दिन के अन्दर अथवा बिसपाइरीबैक सोडियम 10 प्रतिशत एस०सी० 0.20 लीटर बुवाई के 15-20 दिन बाद प्रति हे० की दर से नमी की स्थिति में लगभग 500 लीटर पानी में घोलकर फ्लैट फैन नॉजिल से छिड़काव करना चाहिए।

3. रोपाई की स्थिति में- सकरी एवं चौड़ी पत्ती दोनों प्रकार के खरपतवारों के नियंत्रण हेतु निम्नलिखित रसायनों में से किसी एक रसायन की संस्तुत मात्रा को प्रति हे० लगभग 500 लीटर पानी में घोलकर फ्लैट फैन नॉजिल से 2 इंच भरे पानी में रोपाई के 3-5 दिन के अन्दर छिड़काव करना चाहिए।

ब्यूटाक्लोर 50 प्रतिशत ई०सी०3-4 लीटर
एनीलोफास 30 प्रतिशत ई०सी०1.25-1.50 लीटर
प्रेटिलाक्लोर 50 प्रतिशत ई०सी०1.60 लीटर
पाइराजोसल्फ्यूरान इथाईल 10 प्रतिशत डब्लू०पी०0.15 किग्रा०

4. चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण हेतु निम्नलिखित रसायनों में से किसी एक रसायन की संस्तुत मात्रा को प्रति हे० लगभग 500 लीटर पानी में घोलकर फ्लैट फैन नॉजिल से बुवाई के 25-30 दिन बाद छिड़काव करना चाहिए-

मेटसल्फ्यूरान मिथाइल 20 प्रतिशत डब्लू०पी०20 ग्राम
इथाक्सी सल्फ्यूरान 15 प्रतिशत डब्लू०डी०जी०100 ग्राम
2,4-डी इथाइल ईस्टर 38 प्रतिशत ई०सी०2.5 लीटर

धान में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें इसकी पूरी जानकारी आसान भाषा में यहाँ बताया गया है। हमने खरपतवार नाशक दवा उपयोग कैसे करें इसके बारे में भी बताया है। अब हमारे किसान भाई अपने धान की खेती में खरपतवार को अच्छे से नियंत्रित कर पाएंगे। ये जानकारी हमारे सभी किसान भाइयों के लिए उपयोगी है।

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