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यूपी कॉलेज के कृषि स्नातकों को नहीं मिलेगा पीजी में दाखिला,✅ आईसीएआर ने बढ़ाई छात्रों की परेशानी

आईसीएआर की नोटिफिकेशन ने बढ़ाई छात्रों की परेशानी

यूपी कॉलेज से कृषि विज्ञान में स्नातक करने वाले छात्रों को अब परास्नातक ( पीजी ) में दाखिला नहीं मिलेगा । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ( आईसीएआर ) की नोटिफिकेशन ने छात्रों की परेशानी बढ़ा दी है । पिछले साल के उत्तीर्ण छात्रों को भी आईसीएआर से मान्यता प्राप्त किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में दाखिला नहीं मिला था । महाविद्यालय की लापरवाही के कारण बीएससी कृषि के छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है ।

आईसीएआर विद्यार्थियों के भविष्य पर तलवार लटक रही है ।

ईसीएआर की नोटिफिकेशन ने बढ़ाई छात्रों की परेशानी करने वाले विद्यार्थियों के भविष्य पर तलवार लटक रही है । नए नोटिफिकेशन के अनुसार , जो संस्थान आईसीएआर से मान्यता प्राप्त नहीं हैं , उन संस्थानों से बीएससी एग्रीकल्चर में डिग्री हासिल करने वालों को सरकारी कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएट में दाखिला नहीं दिया जाएगा । इसके अलावा छात्र ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्जाम फॉर एडमिशन में बैठने के भी पात्र नहीं होंगे

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वाराणसी । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के दुग्ध विज्ञान एवं खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग में सत्र 2021-22 से डेयरी प्रौद्योगिकी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी विषयों में चार वर्षीय बीटेक कोर्स शुरू होगा ।

इन दोनों अभिनव एवं व्यवसायिक कोर्स , भारतीय कृषि अनुसंधान दोनों विषयों में होंगी 30-30 सीटें , प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मिलेगा दाखिला परिषद द्वारा संस्तुत पाठ्यक्रम एवं दिशा निर्देशों के अनुसार संचालित होगें । कोर्स के करने के बाद छात्रों को उनकी डिग्री की उचित मान्यता प्राप्त होगी और आगे की कक्षाओं में आसानी से प्रवेश मिल सकेगी । प्रो . डीसी राय ने बताया कि डेयरी एवं खाद्य देश में कृषि शिक्षा के समस्त विषयों हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पाठ्यक्रम और दिशा – निर्देश तैयार करके उसकी संस्तुति प्रदान करता है ।

कृषि विज्ञान संस्थान को उत्कृष्ट संस्थानद्ध का दर्जा प्रदान किया है और इन दोनों व्यवसायिक पाठ्यकमों के शुरू होने से बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान का स्थान देश में और भी ऊंचा हो जाएगा ।

देश में डेयरी एवं खाद्य उद्योग लगभग 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और इन दोनों क्षेत्रों में कुशल स्नातकों की काफी मांग है । इन्हीं बातों की ध्यान में रखकर विभाग ने दोनों विषयों में बीटेक कोर्स शुरू करने हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के दिशा – निर्देशों के अनुसार प्रस्ताव तैयार किया जिसे गहन विचार विमर्श के बाद विभाग की बोर्ड ऑफ स्ट्डीज कमेटी ने 23 दिसम्बर 2020 को स्वीकृत किया ।

कृषि संकाय ने 15 जनवरी 2021 को इस प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति प्रदान की और अंत में कुलपति द्वारा 21 जून 2021 को इन दोनों पाठ्यक्रमों को 2021-22 से प्रारम्भ करने की स्वीकृति प्रदान की गयी । इन पाठ्यक्रमों में परीक्षा के द्वारा प्रवेश होगा और प्रत्येक पाठ्यक्रम में 30 सीट होगी ।

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