एक जिला एक उत्पाद योजना (One District, One Product)
एक जिला एक उत्पाद योजना की अवधारणा मूल रूप से जापान सरकार द्वारा वर्ष 1979 में प्रारंभ की गई थी। इसके उपरांत इस योजना को थाईलैंड सरकार द्वारा भी प्रचारित-प्रसारित किया गया। इसके अतिरिक्त इस तरह की योजना का मॉडल इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया और चीन द्वारा भी अपनाया गया। 24 जनवरी, 2018 को ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक जिला, एक उत्पाद’ योजना का शुभारंभ किया गया।
एक जिला एक उत्पाद योजना के माध्यम से जिले के छोटे, मध्यम और परंपरागत उद्योगों का विकास संभव हो पाएगा। उत्तर प्रदेश में लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने और स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना का शुभारंभ किया गया है। एक जिला एक उत्पाद योजना के माध्यम से राज्य में स्थानीय कौशल विकास तो होगा साथ ही साथ वस्तुओं का निर्यात भी अधिक मात्रा में संभव होगा। एक जनपद, एक उत्पाद योजना के क्रियान्वयन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था के विकास में न केवल महत्वपूर्ण सहयोग अपित प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख नए लोगों को रोजगा भी प्राप्त होने की संभावना है।
प्रथम चरण में इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश जनवरी) के अवसर पर 24, 25 एवं 26 जनवरी, आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के साथ ही प्रत्येक संबंधित दुकान, अवध शिल्प ग्राम में प्रदेश स्तरीय विपणन प्रारंभ कराई गई, जो वर्ष पर्यंत विभाग द्वारा निर्धारित के के अनुरूप संचालित कराई जाएगी। ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजनांतर्गत प्रदेश के प्रत्येक – से एक उत्पाद विशेष का चिह्नांकन संबंधित उत्पाद की विशिष्ट विपणन सामर्थ्य, विकास संभाव्यता तथा रोजगार सृजनही के आधार पर किया जाएगा। ‘एक जिला, एक उत्पाद’ को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लोकप्रिय बनाने एवं प्रतिष्ठित करने हेतु लोगो (Logo) विकसित किया जाएगा।
योजनांतर्गत स्थापित होने वाली इकाइयों हेतु वित्त पोषण केंद्र एक राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं जैसे ‘मटा योजना’, ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘स्टैंड अप इंडिया’, ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’, ‘मुख्यमंत्री रोजगार योजना’ एवं ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ आदि से कराया जाएगा। २ सामान्य तकनीकी प्रशिक्षण, क्राफ्ट की बेसिक एवं एडवांस ट्रेनिंग तथा उद्यमिता विकास प्रशिक्षण हेतु उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन, उद्यमिता विकास संस्थान एवं उ.प्र. इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उपयोग किया जाएगा तथा इन संस्थानों द्वारा यथा आवश्यक प्रचलित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को योजना की आवश्यकता के अनुरूप नए सिरे से डिजाइन किया जाएगा।
योजनांतर्गत उत्पादन की जाने वाली वस्तुओं की राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा सामर्थ्य के विकास हेतु उत्पादन | तकनीक प्रणाली में उन्नयन अथवा सुधार केंद्र/राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के मध्य पारस्परिक समन्वय एवं उनके द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से किया जाएगा। योजनांतर्गत विपणन सुविधाओं के विकास हेतु समस्त आधुनांत विशिष्टियों से युक्त एक ई-पोर्टल का विकास कराया जाएगा। साथ ही ई-मार्केटिंग के अन्य पोर्टल/साइट्स के माध्यम से उत्पादों के मार्केटिंग हेतु उत्पादक इकाइयों को आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा।
एक जिला, एक उत्पाद को एक ब्रांड के रूप में स्थापित किए जाने हेतु उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो, उत्तर प्रदेश व्यापार प्रोत्साहन प्राधिकरण, उ.प्र. इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एवं उत्तर प्रदेश निर्यात संवर्धन परिषद के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियों एवं मेलों में प्रतिभाग सुनिश्चित किया जाएगा।
एक जिला एक उत्पाद योजना का क्रियान्वयन
जिला एक उत्पाद योजना का क्रियान्वयन पोत्साहन विभाग द्वारा किया जाए लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात किया जाएगा तथा इस हेतु निर्यात भवन, लखनऊ में अलग से एक – यह प्रकोष्ठ अपर आयुक्त नि एवं प्रमुख सचिव, सूक्ष्म से एक ओ.डी.ओ.पी. प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी आयुक्त निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो के दिशा-निर्देशन सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात के नियंत्रणाधीन कार्य करेगा। जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु था निर्यात प्रोत्साहन की अध्यक्षता में प्रति दो तथा औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता प्रोत्साहन/निर्यात आयुक्त के नियंत्रणा योजना का अनुश्रवण जनपद स्तर में मासिक आधार पर, राज्य स्तर पर एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात पोल माह में अवस्थापना तथा औद्योगिक वित में समिति द्वारा त्रै-मासिक आधार पर किया जाएगा।
योजना के अनुश्रवण हेतु जनपद स उपायुक्त उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र होंगे ना के सुचारु एवं सफल क्रियान्वयन हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी, उत्पादको की जिज्ञासाओं के समाधान, परामर्श उत्पादन तकनीक, प्रशिक्षण, मार्केटिंग आदि से संबंधित समस जानकारियां एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने हेतु एक वेब पोर्टल श्रवण हेतु जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी योजना के सुचारु एवं सफल हेल्पलाइन का विकास किया जाएगा। साथ ही राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के शीर्ष टेक्निकल, रिसर्च द डेवलपमेंट तथा प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के नेटवर्क को विकसित करके इस पोर्टल से जोड़ा जाएगा ताकि संबंधित क्षेत्र में हए नए आविष्कारों के लाभों को व्यावहारिक रूप में उत्पादकों तक पहुंचाया जा सके। योजना के क्रियान्वयन हेतु बजटीय सहायता निर्यात आयुक्त के माध्यम से ओ.डी.ओ.पी. प्रकोष्ठ को उपलब्ध कराई जाएगी।
एक जिला एक उत्पाद योजना (One District, One Product) List
जिला (District name) | उत्पाद का नाम (Product name) | जिला (District name) | उत्पाद का नाम (Product name) |
आगरा | चमड़ा | बहराइच | हस्तकला उत्पाद |
अमरोहा | ढोलक | बरेली | ज़री-ज़रदोज़ी |
अलीगढ़ | हार्डवेअर | बलिया | बिन्दी |
औरैया | दूध का समान(घी) | बस्ती | काष्ठ कला |
प्रयागराज (इलाहबाद) | मूंज (पेरु) | बलरामपुर | दाल |
आजमगढ | काली मिट्टी से बने उत्पाद | भदोही | कालीन |
अम्बेडकर नगर | कपड़ा | बांदा | पत्थर शिल्प |
अमेठी | मूंज | बिजनौर | काष्ठ कला |
बदायूं | जरी जरजोदि वर्क | बाराबंकी | वस्त्र |
बागपत | घऱ सजाने का समान | बुलंद शहर | चीनी मिट्टी के बर्तन |
चंदौली | जरी जरजोदि | फैजाबद | गुड़ |
चित्रकूट | लकड़ी के खिलौने | फर्रुखाबाद | छपाई |
देवरिया | घऱ सजाने का समान | फतेहपूर | चादर |
इटावा | वस्त्र | फिरोजाबाद (अयोध्या) | काँच का समान |
एटा | घुंघरु, घंटी | गौतमबुध्य नगर | रेडीमेड कपड़े |
गोरखपुर | टेराकोटा समान | झांसी | खिलौने |
हाथरस | हींग | मिर्जापुर | कालीन |
कानपुर | चमड़ा | वाराणसी | बनारसी साड़ी |
सीतापूर | दरी | रामपुर | पेंच वर्क |
महोबा | गौरा पत्थर | लखनउ | चिकनकारी |
जालौन | हस्तनिर्मित कागज | महाराजगंज | फर्निचर |