संयुक्तराष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड)

संयुक्तराष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) (Un Conference on Trade And Development UNCTAD) 

संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन अंकटाड ;न्छब्ज्।क्द्ध की स्थापना अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा गैट ;ळ।ज्ज्द्ध जैसी अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के असंतोषजनक कार्य के कारण 1964 में की गई थी। अंकटाड का मुख्यालय जेनेवा में है। चार वर्ष के अन्तराल पर इसका अधिवेशन बुलाया जाता है। 13वां सम्मेलन 2012 दोहा में हुआ था। वर्तमान में इसके सदस्यों की संख्या 194 है।

अंकटाड के कार्य (Function of UNCTAD)

अंकटाड से निम्न कार्यों की अपेक्षा की जाती है-
1. भिन्न सामाजिक-आर्थिक व्यवस्थाओं वाले, विशेषकर अल्पविकसित देशों, के आर्थिक विकास को तीव्र करने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाना।
2. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक विकास से सम्बन्धित समस्याओं के लिए सिद्धान्त और नीति बनाना।
3. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार एवं विकास से सम्बन्धित समस्याओं के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था के भीतर अन्य संस्थानों के क्रिया-कलापों से समन्वय करना तथा उसकी समीक्षा करना।
4. समान व्यापार, सरकारों की तत्सम्बन्धी विकास नीति और क्षेत्रीय आर्थिक समूह के लिए एक केन्द्र के रूप में मौजूद होना।

अंकटाड के उद्देश्य और उपलब्धियां (Objectives And Achievements of UNCTAD)  निम्न उद्देश्य हैं-

  1.  प्राथमिक वस्तुओं में व्यापार,
  2.  निर्मित वस्तुओं में व्यापार
  3.  विकास वित्त,
  4. प्रौद्योगिकी स्थानांतरण, और
  5. विकासशील देशों में आर्थिक सहयोग।

एशियाई विकास बैंक(Asian Development Bank ADB) :- इसकी स्थापना एशियाई देशों के आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के एशिया एवं सुदूर पूर्व आर्थिक सहयोग की सिफारिश पर 1966 ई0 में की गयी। 1 जनवरी 1967 ई0 को एशियाई विकास बैंक ने कार्य करना प्रारम्भ किया। इसका मुख्यालय फिलीपीन्स की राजधानी मनीला में है। भारत इसके संस्थापक देशों में से एक है।

उद्देश्य (its Objectives)

1. सार्वजनिक और निजी पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करना।
2. विकास के वित्त प्रबंधन के लिए उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करना। इसके लिए उप क्षेत्रीय तथा राष्ट्रीय परियोजनाओं को प्राथमिकता देना जो समस्त क्षेत्र के समान आर्थिक विकास की ओर अधिक सुचारूरूप से योगदान दें।
3. संसाधनों का बेहतर उपयोग करने के लिए क्षेत्रीय सदस्य देशों की योजनाओं एवं नीतियों के समन्वय में सहायता करना।
4. विकास परियोजनाओं और प्रोग्रामों को तैयार तथा कार्यान्वित करने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करना।

कार्य (Function)

A..यह अनुदानों एवं कर्जे के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह तीन प्रकार का कर्ज देता है-
1. परियोजना उधारदान।
2. क्षेत्र उधारदान।
3. प्रोग्राम उधारदान।

एशियाई विकास बैंक द्वारा कर्जे सामान्य कोष तथा विशेष कोषों में से दिये जाते हैं। सामान्य कोष से तात्पर्य बैंक के सामान्य पूंजी संसाधन से है। जिनमें से प्रत्यक्ष कर्जे विकास परियोजनाओं तथा विशिष्ट परियोजनाओं के लिए दिये जाते हैं। ये कठोर कर्जे कहलाते हैं। विशिष्ट उधार दान के लिये बैंक ने कुछ विशेष कोष स्थापित किये हैं- एशियाई विकास कोष, कृषि विकास कोष, तथा बहुद्देशीय विशेष कोष। इन कोषों से दिये जाने वाले कर्जे नरम कर्जे कहलाते हैं।
B. ADB ने एक तकनीकी विशेष सहायता कोष स्थापित किया। यह दो उद्देश्यों के लिए होती है। प्रथम विशिष्ट राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय परियोजनाओं को तैयार करना। वित्त प्रबन्धन और कार्यान्वित करने के लिए। दूसरा कृषि उद्योग तथा लोक प्रशासन जैसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय स्तर पर नयी संस्थायें स्थापित करने अथवा वर्तमान संस्थाओं के कार्य करने के लिए।
C. ADB का अन्य कार्य क्षेत्रीय आर्थिक, एकीकरण को प्रोत्साहित करना तथा इससे सम्बन्धित सर्वेक्षण और शोध करना है ताकि भविष्य के लिए नीति निर्धारित किया जा सके। यह एक वार्षिक रिपोर्ट निकालता है।
D. बैंक गरीबी कम करने सामाजिक बुनियादी ढांचे और प्राकृतिक वातावरण को सुरक्षित रखने पर अधिक बल दे रहा है। आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए बैंक उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दे रहा है।

संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO)

इसकी स्थापना 1967 में हुई। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय संसाधनों के गतिशीलन को प्रोत्साहित करना है। जबकि अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की स्थापना 1964 ई0 में की गयी और 1968 ई0 से यह गैट द्वारा और अंकटाड द्वारा चलाया गया। यह तकनीकी सहयोग के लिए कार्य करता।

विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन
(WPIO)

इसके सम्बन्ध में 1967 ई0 में 51 देशों में सहमत व्यक्त की और 1970 ई0 में इसकी स्थापना हुई। सन् 1974 ई0 में इसे संयुक्त राष्ट्र संघ का एक हिस्सा बना दिया गया।

दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संघ
(ASEAN)

इसकी स्थापना 1967 में हुई। इसका मुख्यालय जकार्ता में है। इसके सदस्यों की संख्या 10 है जिसमें मलेशिया, इण्डोनेशिया, थाईलैण्ड, फिलीपीन्स, सिंगापुर वियतनाम बु्रनोई, कम्बोडिया, लाओस और म्यांमार शामिल हैं। यह एक फ्रीटेªड का उदाहरण है।

एशिया प्रान्त आर्थिक सहयोग
(APEC)

।च्म्ब् की स्थापना 1989 ई0 में की गयी। इसका मुख्यालय सिंगापुर में है। इसका मुख्य उद्देश्य वर्ष 2020 तक एशिया प्रशान्त क्षेत्र को स्वतंत्र व्यापार क्षेत्र बनाना है जिससे यह क्षेत्र विश्व का सबसे बड़ा स्वतंत्र व्यापार क्षेत्र बन सके।

आर्थिक सहयोग तथा विकास संगठन
(APECD)

इसकी स्थापना 1948 ई0 में हुई। जिसे 1961 ई0 में OECD देश कहा गया। इसका मुख्यालय पेरिस में है और लगभग 34 देश इसके सदस्य हैं।

पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन
(OECD)

इसकी स्थापना उसके पांच प्रारम्भिक सदस्य ईरान, ईराक, कुवैत, सऊदी अरब एवं वेनेजुएला ने मिलकर 1960 ई0 में बगदाद में किया। वर्तमान में इसमें 11 सदस्य देश हैं।

दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन
(SAARC)

इसकी स्थापना 1985 ई0 में हुई। इसका मुख्यालय काठमांडु में है। इसमें भारत, मालदीव, पाकिस्तान, बंग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल एवं अफगानिस्तान सहित आठ सदस्य देश हैं। सार्क का उद्देश्य दक्षिण एशियाई देशों में क्षेत्रीय सहयोग का विस्तार करना है।

आठ विकसित देशों का समूह
(G-8)

इसका गठन 1975 ई0 में एक गैर सरकारी संगठन के रूप में हुआ। इसका न तो कोई मुख्यालय है और न ही इसके लिए सदस्य राष्ट्रों के द्वारा किसी प्रकार के बजट का कोई प्रावधान है। इसका पूरा खर्च वही देश उठाता है जो इसका आयोजन करता है और वही इसका अध्यक्ष होता है।

(G-15)

इस समूह की स्थापना 1989 ई0 में हुई। यह विकासशील देशों का समूह है। भारत इसका संस्थापक सदस्य है। इसका सचिवालय जेनेवा में स्थित है।  के (G-15) द्वारा तकनीक निवेश ऊर्जा औषधि तथा भूख एवं निर्धनता उन्मूलन के मुद्दे पर पारस्परिक सहयोग द्वारा कार्य किया जा रहा है।

(G-20)

इसकी स्थापना 1999 ई0 में हुई। इसमें कुल 20 सदस्य देश हैं भारत भी इसका एक सदस्य देश है। वस्तुतः यह सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों व केन्द्रीय बैंक के गवर्नरों की वार्षिक बैठक है।

शंघाई सहयोग संगठन
(SCO)

इसकी स्थापना 1996 ई0 में क्षेत्रीय सीमावर्ती विवादों के समाधान के लिये की गयी। इसे अन्तर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में जाना जाता है।

ब्रिक्स सम्मेलन

यह एक अवधारणा है जिसका तात्पर्य तीव्र गति से वृद्ध कर रही चीन, भारत, रूस एवं ब्राजील जैसे विकासशील अर्थव्यवस्था से है। ब्रिक्स की पहली बैठक जून 2009 में हुई।

अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन

यह संयुक्त राष्ट्रसंघ की एक विशिष्ट संस्था है जिसकी स्थापना वर्साइल सन्धि के तहत 1919 ई0 में हुई। 1946 ई0 में संयुक्त राष्ट्र संघ में यह शामिल हो गया।

यूरोपियन यूनियन

इसकी स्थापना 1958 ई0 में हुई। जिसका मुख्यालय ब्रसेल्स है। इसमें 28 देश शामिल हैं। यूरोपियन यूनियन ने कुछ देशों ने यूरो को वैधानिक मुद्रा के रूप में स्वीकार किया है।

1 thought on “संयुक्तराष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड)”

  1. Arun Kumar yadav

    बिजनेस के लिए एक करोड़ का लोन चाहिए लोन चुका देंगे गारंटी पर जमीन है हमारा जो प्लान है खेल ही नहीं होगा और यदि कहीं पाटनर में समान दिलवाकर को करवाना चाहता तो कर ले

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