देश में पहला डिजिटल केन्द्रीय बजट पेश करते हुए केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री ‘श्रीमती निर्मला सीतारमण’ ने कहा, कि कोविङ-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई 2021 में जारी है और कोविड के बाद जब दुनिया में राजनैतिक, आर्थिक, और रणनीतिक संबंध बदल रहे हैं, इतिहास का यह क्षण, नये युग का सवेरा है-ऐसा युग जिसमें भारत वायदों और उम्मीदों की धरती के रूप में उभरा।
केन्द्रीय बजट को इस बार कुल 6 विन्दु बनाकर उसमे पूरे बजट का सार बनाया गया, केन्द्रीय बजट में अबकी बार कोई टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है , अबकी बार स्वास्थ और खुशहाली में 137 प्रतिशत वृद्धि की गई है, केन्द्रीय बजट 2021-22 की मुख्य बातें इस प्रकार हैं :
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- स्वास्थ्य और कल्याण
- वास्तविक और वित्तीय पूंजी, और बुनियादी ढांचा
- आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास
- मानव पूंजी में नवजीवन का संचार
- नवोन्मेष और अनुसंधान और विकास
- न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन
स्वास्थ्य और खुशहाली
बजट में वित्त वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य और खुशहाली में 2,23,846 करोड़ रुपये का व्यय रखा गया है जबकि 2020-21 में यह 94,452 करोड़ रुपये था। यह 137 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है। • स्वास्थ्य के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए तीन क्षेत्रों को मजबूत करने पर ध्यान केन्द्रित – निवारक, उपचारात्मक, सुधारात्मक स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के लिए कदम वर्ष 2021-22 में कोविड-19 टीके के लिए 35,000 करोड़ रुपये, मेड इन इंडिया न्यूमोकोकल वैक्सीन वर्तमान में पांच राज्यों के साथ देश भर में आ जाएगी- जिससे हर वर्ष 50,000 बच्चों की मौतों को रोका जा सकेगा।
स्वास्थ्य प्रणालियां
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के लिए 6 वर्ष में 64,180 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे – एक नई केन्द्र प्रायोगिक योजना जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त शुरू किया जाएगा। प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत सोना के अंतर्गत मुख्य पहल निम्नलिखित हैं:
- एक स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रीय संस्थान
- 17,788 ग्रामीण और 11,024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केन्द्र 04 वायरोलॉजी के लिए 4 क्षेत्रीय राष्ट्रीय संस्थान
- 15 स्वास्थ्य आपात ऑपरेशन केन्द्र और 2 मोबाइल अस्पताल
- सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं और 11 राज्यों में 33,82 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयां
- 602 जिलों और 12 केन्द्रीय संस्थानों में क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉक स्थापित करना
- राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी), इसकी पांच क्षेत्रीय शाखाओं और 20 महानगर स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को सुदृढ़
करना - एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में विस्तार ताकि सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को
जोड़ा जा सके - 17 नई सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को चालू करना और 33 मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को मजबूत करना
- विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय अनुसंधान प्लेटफॉर्म
- 9 बायो सेफटी लेवल III प्रयोशालाएं
पोषण
इस साल से मिशन पोषण 2.0 का शुभारंभ होगा जिसमे पोषणगत मात्रा, डिलीवरी, आउटरीच तथा परिणाम को सुदृढ़ बनाना साथ में संपूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान का विलय किया जाएगा। 112 आकांक्षी जिलों में पोषणगत परिणामों में सुधार लाने के लिए एक सुदृढ़ीकृत कार्यनीति अपनाई जाएगी।
जल आपूर्ति का सर्वव्यापी कवरेज के अंतर्गत जल जीवन मिशन (शहरी) के लिए पांच वर्ष में 2,87,000 करोड़ रुपये का परिव्यय – इसे निम्न प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया जाएगा। जिसमे 2.86 करोड़ परिवारों को नल कनेक्शन और सभी 4,378 शहरी स्थानीय निकायों में सर्व सुलभ जल आपूर्ति और 500 अमृत शहरों में तरल कचरा प्रबंधन कियाजायेगा।
स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत के अंतर्गत शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के लिए पांच वर्ष की अवधि में 1,41,678 करोड़ रुपये का कुल वित्तीय आवंटन और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के अंतर्गत मुख्य इरादा और पूर्ण मल-मूत्र प्रबंधन और अपशिष्ट जल शोधन। कचरे के स्रोत पर पृथक्करण करना और एकल उपयोग प्लास्टिक में कमी लाना और निर्माण और विध्वंस के कार्याकलापों के कचरे का प्रभावी रूप से प्रबंध करके वायु प्रदूषण में कमी लाना। सभी पुराने डम्प साइटों के बायो उपचार पर ध्यान केन्द्रित करना
वायु प्रदूषण
वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 42 शहरी केन्द्रों के लिए 2,217 करोड़ रुपये की राशि मुहैया कराना और स्क्रैपिंग नीति लागू की जाएगी।पुराने और अनुपयुक्त वाहनों को हटाने के लिए एक स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति और ऑटोमोटिड फिटनेस सेंटर में फिटनेस जांच साथ में निजी वाहनों के मामले में 20 वर्ष के बाद वाणिज्यिक वाहनों के मामले में 15 बाद स्क्रैपिंग में कर दिया जायेगा।